Bihar 7th Phase Teacher Bharti 2023 | . क्या बदल नियोजितों के लिए . आधे रिक्ति पर केवल नियोजितों होगी भर्ती . नियोजितों के लिए नहीं होगा नेगेटिव मार्किंग . राज्यकर्मियों की तरह मिल सकेगी सुविधाएं . 150 प्रश्नो का होगा प्रश्न पत्र- 75 शिक्षण अभिरुचि से जबकि 75 विषयवस्तु से होंगे प्रश्न . 25 अप्रैल तक रिक्तियों की प्राप्ति के उपरांत 10 मई तक हो सकता है विज्ञापन जारी . विज्ञापनोंपरान्त परीक्षा पैटर्न और पाठ्यक्रम होगा जारी . नीतीश कुमार की कैबिनेट द्वारा बैठक में (DATE-10 APRIL 2023)राज्य में नई शिक्षक नियुक्ति नियमावली-बिहार राज्य विद्यालय अध्यापक (नियुक्ति, स्थानांतरण,अनुशासनिक कार्रवाई एवं सेवाशर्त) नियमावली , 2023 को मंजूरी देने से बिहार में शिक्षक नियुक्ति की सारी प्रक्रिया में पूर्णरूपेण बदलाव आ गया है।
भीषण बदलाव
Table of Contents
क्या हुए बदलाव/ नया क्या है ? कौन कौन से हैं प्रावधान
क्या बदला नियोजितों के लिए
- आधे रिक्ति पर केवल नियोजितों होगी भर्ती
- नियोजितों के लिए नहीं होगा नेगेटिव मार्किंग
- राज्यकर्मियों की तरह मिल सकेगी सुविधाएं
- 150 प्रश्नो का होगा प्रश्न पत्र- 75 शिक्षण अभिरुचि से जबकि 75 विषयवस्तु से होंगे प्रश्न
- 25 अप्रैल तक रिक्तियों की प्राप्ति के उपरांत 10 मई तक हो सकता है विज्ञापन जारी
- विज्ञापनोंपरान्त परीक्षा पैटर्न और पाठ्यक्रम होगा जारी
बिहार राज्य विद्यालय अध्यापक (नियुक्ति, स्थानांतरण,अनुशासनिक कार्रवाई एवं सेवाशर्त) नियमावली , 2023
इन बदलावों एवं प्रावधानों को निम्न बिंदुओं में देखा जा सकता है –
नियमावली के महत्वपूर्ण बिंदुएँ (Important Key Points)-
1. नए संवर्ग का गठन :-
प्राथमिक एवं मध्य विद्यालय के मूल कोटि एवं स्नातक कोटि के विद्यालय अध्यापक तथा माध्यमिक विद्यालय एवं उच्च माध्यमिक विद्यालय में विषयवार विद्यालय अध्यापक का अलग-अलग संवर्ग होगा। यह संवर्ग जिला स्तर का होगा। शिक्षा विभाग के नियंत्रणाधीन राजकीय, राजकीय बुनियादी विद्यालय, राजकीयकृत एवं प्रोजेक्ट कन्या विद्यालय में नियुक्त होने वाले विद्यालय अध्यापक का संवर्ग होगा।विद्यालय अध्यापक के सभी पद सीधी नियुक्ति से भरे जायेंगे।
2. नियुक्ति हेतु अनिवार्य अर्हताएँ:-
(i). भारत का नागरिक हो एवं बिहार राज्य का स्थायी निवासी हो ।
(ii). विद्यालय अध्यापक के पद पर नियुक्ति हेतु राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद् द्वारा समय-समय पर निर्धारित शैक्षणिक एवं प्रशैक्षणिक योग्यता धारित करता हो। विशेष विद्यालय अध्यापक के लिए अर्हता भारतीय पुनर्वास परिषद् के अनुरूप अनुमान्य होगा।
(iii) राज्य सरकार एवं केन्द्र सरकार द्वारा समय-समय पर आहूत शिक्षक पात्रता परीक्षा में उत्तीर्ण हो। परन्तु, वर्ष 2012 से पूर्व नियुक्त एवं कार्यरत शिक्षक, जो दक्षता परीक्षा उत्तीर्ण होंगे के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा में उत्तीर्णता अनिवार्य नहीं होगी।
(iv) विषय विशेष के लिए अलग से विशेष अर्हता का निर्धारण विभाग द्वारा समय-समय पर किया जायेगा।
(v) आयु :- प्राथमिक एवं मध्य विद्यालय में विद्यालय अध्यापक की नियुक्ति के लिए न्यूनतम आयु 18 वर्ष एवं इसी प्रकार माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में नियुक्ति हेतु अभ्यर्थियों की न्यूनतम आयु 21 वर्ष होगी इस नियमावली के प्रवृत होने के पूर्व पात्रता परीक्षा में उत्तीर्ण होने वाले प्रशिक्षित अभ्यर्थियों को इस नियमावली के प्रवृत होने के पश्चात् नियुक्ति के प्रथम समव्यवहार में अधिकतम आयु सीमा में 10 वर्ष की छूट देय होगी। जिस विनिर्दिष्ट विषय या विषय समूह में पात्रता परीक्षा नहीं ली गई है, उस विनिर्दिष्ट विषय या विषय समूह के पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण प्रशिक्षित अभ्यर्थियों को नियुक्ति के प्रथम समव्यवहार में अधिकतम आयु सीमा में 10 वर्षों की छूट देय होगी। परंतु पंचायती राज संस्था एवं नगर निकाय संस्था अंतर्गत नियुक्त एवं कार्यरत शिक्षकों के लिए अधिकतम आयु की सीमा शिथिल करने हेतु राज्य सरकार के द्वारा अलग से निर्णय लिया जा सकेगा।
3. आरक्षण :-
(i). राज्य सरकार के अधीन सीधी नियुक्ति में सामान्य प्रशासन विभाग के द्वारा लागू आरक्षण का प्रावधान प्रभावी होगा।परन्तु प्राथमिक एवं मध्य विद्यालय के मूल कोटि एवं स्नातक कोटि के विद्यालय अध्यापक के पद पर प्रत्येक विषय में न्यूनतम 50 प्रतिशत महिला अभ्यर्थियों की नियुक्ति की जाएगी। विषम संख्या रहने पर अंतिम पद महिला अभ्यर्थी के लिए चिह्नित किया जाएगा।
(ii) प्राथमिक एवं मध्य विद्यालय के मूल कोटि एवं स्नातक कोटि के विद्यालय अध्यापक के लिए विषयवार आरक्षण रोस्टर का संधारण समेकित रूप से जिला स्तर पर किया जाएगा। इसी प्रकार माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालय के विद्यालय अध्यापक के लिए विषयवार आरक्षण रोस्टर का अलग-अलग संधारण जिला स्तर पर किया जायेगा।
(iii) विद्यालय अध्यापक का आरक्षण- समाशोधन से संबंधित कार्य जिला पदाधिकारी द्वारा किया जायेगा।
(iv) इस नियमावली के प्रवृत होने के बाद प्रथम समव्यवहार में विद्यालय अध्यापक के पद पर नियुक्ति हेतु आरक्षण बिन्दु 01 से रोस्टर प्रारंभ होगा।
4. नियुक्ति की प्रक्रिया :-
(i) शिक्षा विभाग द्वारा विद्यालय अध्यापक के पद पर सीधी नियुक्ति हेतु जिला स्तर पर रिक्त पदों की गणना कर रोस्टर क्लीयरेंस के साथ आरक्षण कोटिवार अधियाचना आवश्यकतानुसार आयोग को भेजी जाएगी ।
(ii) सीधी भर्ती हेतु प्राप्त अधियाचना के आलोक में आयोग रिक्तियों की संख्या विज्ञापित करेगा। आयोग द्वारा विज्ञापित आवेदन पत्र में विद्यालय अध्यापक- अभ्यर्थी द्वारा योग्यता से संबंधित स्वघोषणा के आधार पर उनकी उम्मीदवारी का मूल्यांकन किया जाएगा।
(iii) परीक्षा हेतु पाठ्यक्रम का निर्धारण आयोग द्वारा प्रशासी विभाग के परामर्श से किया जाएगा। निर्धारित पाठ्यक्रम के आलोक में परीक्षा का आयोजन, प्रश्न पत्रों का निर्धारण, उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन तथा परीक्षाफल का प्रकाशन आयोग द्वारा किया जाएगा।
(iv) परीक्षा के पैटर्न का निर्धारण आयोग द्वारा किया जाएगा, जिसमें आवश्यकतानुसार विभाग से परामर्श लिया जा सकेगा।
(v) उक्त परीक्षा के लिए अर्हतांक नियत करने का विवेकाधिकार आयोग को होगा।
(vi) कोई अभ्यर्थी इस नियमावली के अंतर्गत अधिकतम तीन बार परीक्षा में भाग ले सकेगा।
(vii) आयोग द्वारा संचालित उक्त परीक्षा के आधार पर की गई अनुशंसा के आलोक में नियुक्ति की जाएगी ।
(viii) आयोग द्वारा की गई अनुशंसा, नियुक्ति का अधिकार तब तक नहीं प्रदान करेगी, जब तक की यथा आवश्यक प्रमाण पत्रों की जांच के उपरांत प्रशासी विभाग संतुष्ट न हो जाए कि अभ्यर्थी विद्यालय अध्यापकके पद पर नियुक्ति के लिए सभी दृष्टियों से उपयुक्त है।
5. पंचायतीराज संस्था एवं नगर निकाय संस्था अंतर्गत नियुक्त एवं कार्यरत शिक्षक इस संवर्ग में नियुक्ति के लिए नियम -7 में अंकित नियुक्ति की प्रक्रिया में भाग लेने के लिए पात्र होंगे। इस संबंध में आवश्यकतानुसार प्रक्रिया का निर्धारण राज्य सरकार के द्वारा अलग से किया जा सकेगा।
6. प्रमाण पत्रों की जाँच :-
(i) नियुक्ति प्राधिकार का यह दायित्व होगा कि वे नियुक्ति पत्र निर्गत करने के पूर्व शैक्षणिक/ प्रशैक्षणिक योग्यता एवं अनुभव संबंधी प्रमाण पत्रों सहित अन्य प्रमाण पत्रों की यथा आवश्यक जाँच करा लेंगे। परंतु कार्यहित में औपबंधिक नियुक्ति पत्र निर्गत किया जा सकता है एवं विभाग द्वारा निर्धारित समय-सीमा के अन्दर प्रमाण पत्रों का सत्यापन कराया जा सकता है।
(ii) प्रमाण पत्र जाली या गलत पाए जाने की स्थिति में नियुक्ति रद्द कर करते हुए वेतनादि के मद में दिए गए राशि की वसूली बिहार एण्ड उड़िसा पब्लिक डिमान्ड रिकॉवरी एक्ट, 1914 के प्रावधानों के तहत करते हुए अन्य कानूनी कार्रवाई की जायेगी ।
7. परिवीक्षा अवधि :-
(i) सीधी भर्ती से नियुक्त किए जाने वाले विद्यालय अध्यापकों के लिए परिवीक्षा अवधि, योगदान की तिथि के प्रभाव से दो वर्षों के लिए होगी। परिवीक्षा अवधि संतोषजनक नहीं पाये जाने की दशा में परिवीक्षा अवधि का विस्तार एक वर्ष के लिए किया जा सकेगा। यदि विस्तारित अवधि में भी सेवा संतोषजनक नहीं पायी जायेगी तो नियुक्ति प्राधिकार ऐसे विद्यालय अध्यापक को सुनवाई का एक अवसर देते हुए उन्हें सेवामुक्त कर सकेगा।
(ii) परिवीक्षा अवधि में विद्यालय अध्यापक को विभाग द्वारा विहित सांस्थिक या अन्य प्रशिक्षण सफलतापूर्वक पूरा करना होगा। प्रशिक्षण का कैलेंडर एवं पाठ्यक्रम विभाग द्वारा अलग से निर्धारित किया जायेगा।
8. सेवा की सम्पुष्टि-
परिवीक्षा अवधि संतोषजनक रूप से पूरा करने, प्रशिक्षण सफलतापूर्वक पूरा करने और शैक्षणिक / प्रशैक्षणिक प्रमाण पत्र आदि की जांच होने पर सेवा में सम्पुष्टि की जा सकेगी।
9. वरीयता सूची –
(i) प्राथमिक एवं मध्य विद्यालयों के विद्यालय अध्यापक की विषयवार समेकित वरीयता सूची होगी। माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों के विद्यालय अध्यापक की विषयवार वरीयता सूची अलग-अलग होगी। आपसी वरीयता सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा निर्धारित सिद्धांत के अनुरूप होगी ।
(ii) विद्यालय अध्यापक की वरीयता सूची जिला स्तर पर संधारित की जाएगी।
10. स्थानान्तरण :-
(i) विद्यालय अध्यापक का पद स्थानान्तरणीय होगा ।
(ii) मंत्रिमण्डल सचिवालय विभाग एवं प्रशासी विभाग द्वारा स्थानान्तरण के निमित्त समय-समय पर निर्गत दिशा-निर्देश के आलोक में स्थानान्तरण की कार्रवाई संबंधित संवर्गीय पद पर संबंधित नियुक्ति प्राधिकार के द्वारा किया जा सकेगा।
(iii) विद्यालय अध्यापक का अन्तर जिला स्थानान्तरण ऐच्छिक / प्रशासनिक / शैक्षणिक दृष्टिकोण से हो सकेगा। इसके लिए प्राथमिक एवं मध्य विद्यालय के संदर्भ में सक्षम प्राधिकार निदेशक, प्राथमिक शिक्षा होंगे। वहीं माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालय के संदर्भ में सक्षम प्राधिकार निदेशक, माध्यमिक शिक्षा होंगे। अन्तर जिला स्थानान्तरण के फलस्वरूप संबंधित स्थानान्तरित विद्यालय अध्यापक की वरीयता स्थानान्तरित जिला में उनके नियुक्ति वर्ष से संबंधित विद्यालय अध्यापक की विषयवार वरीयता से निम्न वरीयता के रूप में निर्धारित की जाएगी।
11. अनुशासनिक कार्रवाई :-
बिहार सरकारी सेवक (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियमावली, 2005 ( समय-समय पर यथा संशोधित) में निहित प्रावधान इस नियमावली के अधीन नियुक्त होने वाले विद्यालय अध्यापक पर प्रभावी होगा।
12. सेवा संबंधी शर्तें :-
(i) विद्यालय अध्यापक के पद का वेतनादि राज्य सरकार द्वारा निर्धारित किए जायेंगे ।
(ii) विद्यालय अध्यापक के विभिन्न संवर्गों का पद बल वही होगा जो सरकार द्वारा समय-समय पर निर्धारित किया जायेगा।
(iii) अन्य सेवा शर्तें राज्य सरकार द्वारा निर्धारित की जाएगी।
13. अनुकम्पा
अनुकम्पा के आधार पर नियुक्ति-इस नियमावली के अधीन नियुक्त विद्यालय अध्यापकों के सेवाकाल में मृत्यु होने पर उनके आश्रित की अनुकंपा पर नियुक्ति के संबंध में अलग से प्रावधान अधिसूचित किया जा सकेगा।
14. आचरण संहिता :-
(i) निर्धारित पाठ्यक्रम को सुगम एवं सुलभ ढंग से पूर्ण करना / कराना ।
(ii) समय पर विद्यालय आना और निर्धारित रूटीन के अनुसार कक्षा का संचालन करना / कराना ।
(ii) बाल अधिकारों का संरक्षण सुनिश्चित करते हुए बच्चों को मानसिक एवं शारीरिक रूप से प्रताड़ित नहीं होने देना।
(iv) किसी प्रकार के नशा का सेवन नहीं करना ।
(v) सामाजिक कुरीतियों विशेषकर बाल-विवाह एवं दहेज प्रथा को दूर में सक्रिय भूमिका निभाना । करने
(vi) वार्षिक माध्यमिक परीक्षा एवं उच्च माध्यमिक परीक्षा के सफल संचालन हेतु बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा समय-समय पर दिए जाने वाले निदेशों का अनुपालन करना ।
(vii) विद्यालय अध्यापक पर बिहार सरकारी सेवक आचार संहिता 1976 ( समय-समय पर यथा संशोधित) में निहित प्रावधान प्रभावी होंगे।
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FOR GOVT. UPDATE- https://state.bihar.gov.in/main/CitizenHome.html
15. शिकायत एवं अपील :-
इस नियमावली के अधीन नियुक्ति संबंधी शिकायत / अपील तथा इस नियमावली के अधीन कार्यरत विद्यालय अध्यापक की सेवाशर्त से जुड़े मामलों पर अपील सुनकर विनिश्चय करने की शक्ति क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशक को होगी।
16. प्रकीर्ण :-
(i) प्राथमिक से लेकर उच्च माध्यमिक तक के पूर्व के विभिन्न नियोजन एवं सेवाशर्तों वाली नियमावलियों समय-समय पर यथा संशोधित (वर्ष-2006,2012,2020) के प्रावधान के अन्तर्गत नियुक्त व्यक्ति इस नियमावली से शासित संवर्गों में उनकी नियुक्ति के लिए किए गए विशिष्ट प्रावधान के अतिरिक्त इस नियमावली के अन्य प्रावधान के तहत कोई दावा नहीं कर सकेंगे।
(ii) उपर्युक्त उप-कंडिका (i) में वर्णित नियमावली के अन्तर्गत इस नियमावली के प्रभावी होने की तिथि के उपरांत, कोई नई नियुक्ति नहीं की जा सकेगी।
(iii) जिला संवर्ग के सहायक शिक्षक एवं प्रमंडलीय संवर्ग के सहायक शिक्षक, जिसे मरणशील संवर्ग पूर्व में घोषित किया जा चुका है, पर यह नियमावली प्रभावी नहीं माना जायेगा।
(iv) प्रशासी विभाग इस नियमावली के किसी भी प्रावधान को स्पष्ट कर सकेगी तथा इसे लागू करने में उत्पन्न कठिनाई को दूर कर सकेगी।
क्यों हो रहा नियोजितों द्वारा विरोध ?
2006 से 2022 तक नवनियुक्त शिक्षकों के साथ यह धोखा है 15 साल से अधिक की नौकरी करने वाले दक्षता उत्तीर्ण एवं 2014 के उपरांत के बिहार टेट (BIHAR STET) उत्तीर्ण शिक्षकों के लिए इसमें लेस मात्र का भी कुछ नहीं है। वस्तुतः, उनके सेवा अवधि के लिए उनके लिए बिना कुछ विशेष प्रावधान किए लाए गए इस नियमावली की नियोजितों के द्वारा घोर निंदा किया जाना अत्यंत स्वभाविक है। समान काम के बदले समान वेतन की मांग एवं राज्यकर्मी का दर्जा के बिहार के नियोजित शिक्षकों द्वारा पूर्व में भी कई बार आंदोलन एवं हड़ताल किए जाते रहे हैं। इतना ही नहीं नियोजित शिक्षक विभिन्न संगठनों के माध्यम से इस हेतु सरकार के विरुद्ध न केवल न्यायालय तक गए वरन उच्च न्यायालय, पटना में केस भी जीता था। हालांकि, बिहार सरकार द्वारा उन्हें सर्वोच्च न्यायालय में उन्हें हर का सामना करना पड़ा था।
क्या यह नियोजितों के साथ छद्म है ?
राज्यकर्मी का दर्जा प्राप्त करने के लिए नियोजित शिक्षकों को भी सामान्य अभ्यर्थियों के ही समान परीक्षा देकर सीधी भर्ती में सम्मिलित करने का निर्णय कई शिक्षक संगठनों को रास नहीं आ रहा है। नियोजित शिक्षकों द्वारा बहुत कम वेतन में लम्बे समय तक शिक्षण सेवा दिया जाता रहा है। सरकार के समक्ष कई बार मांगें रखी जा चुकी थी और कुछ हद तक उन्हें सरकार द्वारा आश्वासन भी प्राप्त होते रहे थे। परन्तु, इस पृष्ठभूमि में नियोजितों को इस नियामवली से मनोनुकूल कुछ प्राप्त ना होने से वे स्वयं को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। अभी विभिन्न शिक्षक संगठनों का इसपर मिली जुली प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। परन्तु, इतना तय है कि नियोजित खुश नहीं हैं और विभिन्न सोशल मिडिया के माध्यम से अपना रोष प्रकट कर रहे हैं। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि विभिन्न शिक्षक संगठनों द्वारा आने वाले दिनों में क्या कदम उठाया जाता है।