पाठ्यक्रम – प्रधान शिक्षक
(SYLLABUS HEADTEACHER-BPSC)
सामान्य अध्ययन -पूर्णांक -75 (GENERAL STUDIES- Marks-75)
Table of Contents
सामान्य विज्ञान (General Science)
सामान्य विज्ञान के अन्तर्गत दैनिक अनुभव तथा प्रेक्षण से सम्बन्धित विषयों सहित विज्ञान की सामान्य जानकारी तथा परिबोध पर ऐसे प्रश्न पूछे जायेंगे, जिसकी किसी भी शिक्षित व्यक्ति से अपेक्षा की जा सकती है , जिसने वैज्ञानिक विषयों का विशेष अध्ययन नहीं किया है ।
(Questions on General Science will cover general appreciation and of everyday under – standing of science , including matters observation and experience , as may be expected of a educated person who has not made a special study of any scientific discipline.)
राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय महत्व की समसामयिक घटनाएँ (Current events of national and international importance)
राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय महत्व के वर्तमान घटनाओं पर बिहार सहित प्रश्न पूछे जायेंगे।
(Questions on Current events of national and international importance consist of national and international events including Bihar )
भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन तथा इसमें बिहार का योगदान (Indian National movement and the part played by Bihar in it )
भारत के राष्ट्रीय आंदोलन के अन्तर्गत उन्नीसवीं शताब्दी के पुनरूत्थान के स्वरूप और स्वभाव , राष्ट्रीयता का विकास तथा स्वतंत्रता प्राप्ति से सम्बन्धित प्रश्न पूछे जायेंगे ।परीक्षार्थियों से आशा की जाती है कि वे भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में बिहार की भूमिका पर पूछे गए प्रश्नों के भी उत्तर दें ।(Indian National Movement will relate to the nature and character of the nineteenth century resurgence , growth of nationalism and attainment of Independence and candidates will be expected to answer questions on the role of Bihar in the freedom movement of India)
भूगोल (Geography)
भारत तथा बिहार का भूगोल ” के अन्तर्गत देश के सामाजिक तथा आर्थिक भूगोल से सम्बन्धित प्रश्न होंगे , जिनमें भारतीय कृषि तथा प्राकृतिक साधनों की प्रमुख विशेषताएँ सम्मिलित होंगी ।
(Questions on Geography of India and Bihar will relate to physical , social and economic Geography of the country including the main features of Indian agricultural and natural resources)
भारतीय राजव्यवस्था (Indian Polity)
भारत की राज्य व्यवस्था के अन्तर्गत भारतीय संविधान देश की राजनीतिक प्रणाली,पंचायती राज, विकास योजना सम्मिलित होंगे ।
(Questions on Indian Polity will test knowledge on the Indian Panchayati Raj Constitutions , Country’s political system , development Schemes)
प्रारम्भिक गणित और मानसिक क्षमता परीक्षण (Elementary Mathematics and Mental ability test)
प्रारम्भिक गणित और मानसिक क्षमता जाँच पर प्रश्न
(Questions on Elementary Mathematics and Mental ability test )
SYLLABUS-HEADTEACHER-1पाठ्यक्रम-(डी. एल.एड.) पूर्णांक-75
ईकाई -1
- बच्चे तथा बचपन सामाजिक , सांस्कृतिक तथा ऐतिहासिक समझ ।
- बाल अधिकारों का संदर्भ उपेक्षित वर्गों से आनेवाले बच्चों पर विशेष चर्चा के साथ
- शिक्षा , विद्यालय और समाज अंतर्सम्बंधों की समझ
- विद्यालय में समाजीकरण की प्रक्रिया विभिन्न कारकों की भूमिका व प्रभावों की समझ
- शिक्षा सामान्य अवधारणा उदेश्य एवं विद्यालयी शिक्षा की प्रकृति
- शिक्षा को समझने के विभिन्न आधार / दृष्टिकोण दर्शनशास्त्रीय मनोवैज्ञानिक समाजशास्त्रीय , शिक्षा का साहित्य , शिक्षा का इतिहास , आदि
- ज्ञान की अवधारणा दार्शनिक परिप्रेक्ष्य
ईकाई -2
- महात्मा गाँधी – हिन्द स्वराज सामाजिक दर्शन और शिक्षा के संबंध को रेखांकित करते हुए
- गिजुभाई बधेका – दिवास्वप्न शिक्षा में प्रयोग के विचार को रेखांकित करते हुए
- रवीन्द्रनाथ टैगोर – शिक्षा सीखने में स्वतंत्रता एवं स्वयत्तता की भूमिका का रेखांकित करते हुए
- मारिया मांटेसरी – ग्रहणशील मन पुस्तक से विकास के क्रम ‘ शीर्षक अध्यायः बच्चों के खीखने के संबंध में विशेष पद्धति को रेखांकित करते हुए
- ज्योतिबा फुले – हंटर आयोग ( 1882 ) को दिया गया बयान शैक्षिक , समाजिक एवं सांस्कृतिक असमानता को रेखांकित करते हुए .
- डॉ ० जाकिर हुसैन – शैक्षिक लेख : बाल – केन्द्रित शिक्षा के महत्व को रेखांकित करते हुए
- जे ० कृष्णमूर्ति- शिक्षा क्या है सीखने – सिखाने में संवाद की भूमिका को रेखांकित करते हुए
- जॉन डीवी – शिक्षा और लोकतंत्र से जीवन की आवश्यकता के रूप में शिक्षा शीर्षक लेख : शिक्षा और समाज की अंतःक्रिया को रेखांकित करते हुए
ईकाई -3
- पाठ्यचर्या तथा पाठ्यक्रमः अवधारणा तथा विविध आधार .
- पाठ्यचर्या में कार्य और शिक्षा की भूमिका कार्यकेन्द्रित शिक्षणशास्त्र की समस्या
- बचपन को प्रभावित करने वाले मनोसामाजिक कारक
- बाल विकास अवधारणा , विकास के विविध आयाम प्रभावित करनेवाले कारक
- वृद्धि एवं विकास : अंतर्सम्बंधों की समझ , अध्ययन के तरीके
- बच्चों के शारीरिक एवं मनोगत्यात्मक विकास की समझ
- सृजनात्मकता अवधारणा बच्चों के संदर्भ में विशेष महत्त्व
- खेल से आशय अवधारणा विशेषता बच्चों के विकास के संदर्भ में महत्त्व
- व्यक्तित्व विकास के विविध आयाम : एरिक्सन के सिद्धांत का विशेष संदर्भ
- बच्चों में भावनात्मक / संवेगात्मक विकास का पहलू जॉन बाल्बी का सिद्धांत एवं अन्य विचार
- नैतिक विकास और बच्चे सही – गलत की अवधारणा , जीन पियाजे तथा कोहलबर्ग का सिद्धांत
ईकाई -4
- ईसीसीई की आवश्यकता एवं उद्देश्य
- एक संतुलित तथा संदर्भयुक्त ईसीसीई पाठ्यचर्या की समझ
- ईसीसीई पाठ्यचर्या के लघु एवं दीर्घकालिक उद्देश्य तथा नियोजन
- कक्षा में विकासोनूकूल , बाल केन्द्रित तथा समावेशी वातावरण निर्माण
- प्रारंभिक वर्षों में विकास के विभिन्न आयाम एवं अधिगम •
- विशेष आवश्यकता वाले ( दिव्यांग ) बच्चें तथा प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल और शिक्षा
- शारीरिक शिक्षा अवधारणा एवं महत्त्व
- बिहार में प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल और शिक्षा की वर्तमान स्थिति .
- राज्य में प्रारंभिक बाल्यावस्था शिक्षा की चुनौतियाँ एवं नवाचार
- राज्य में विद्यालय की तैयारी में संस्थाओं की ( अकादमिक व सामाजिक ) अपेक्षा
ईकाई -5
- विद्यालय संस्कृति के संगठनात्मक पहलू अवधारणा संरचना एवं घटकों की आलोचनात्मक समझ
- शिक्षा के अधिकार के अंतर्गत विद्यालयी व्यवस्था में परिवर्तन •
- समावेशी शिक्षा के अनुरूप विद्यालय संगठन व प्रबंधन
- कला समेकित शिक्षा के माध्यम से विद्यालयी परिवेश एवं कक्षायी शिक्षण में बदलाव ? .
- कक्षा – कक्ष शिक्षण की प्रकृति परम्परागत बाल केन्द्रित , लोकतांत्रिक , सृजनात्मक , आदि ।
- पाठ्य सहगामी व सह – शैक्षिक क्रियाएँ : महत्त्व , योजना एवं क्रियान्वयन ( गतिविधियाँ , कला , खेल इत्यादि )
- विद्यालय में आकलन एवं मूल्यांकन की व्यवस्था सतत् एवं व्यापकं आलकन , प्रगति पत्रक
- शिक्षक वृतिक विकास अवधारणा आवश्यकता नीतिगत विमर्श व सीमाएँ
- विद्यालय में नेतृत्व व्यवस्था और शिक्षक प्रशासनिक सामूहिक शिक्षणशास्त्रीय परिवर्तनकारी
ईकाई -6
- निकटवर्ती जिला स्तरीय संस्थाएं सकुल संसाधन केन्द्र (सी.आर.सी.) . प्रखण्ड संसाधन केन्द्र (बी .आर.सी.) , जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) . प्रारंभिक शिक्षक शिक्षा महाविद्यालय ( पी.टी.ई. सी . )
- राज्य स्तरीय संस्थाएँ : राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद् (एस.सी.ई.आर.टी.) बिहार शिक्षा परियोजना परिषद् ( बी.ई.पी.सी. ) बिहार विद्यालय परीक्षा बोर्ड (बी.एस.ई.बी.) बिहार संस्कृत शिक्षा बोर्ड ( बी.एस.एस.बी. ) , बिहार राज्य मदरसा शिक्षा बोर्ड ( बी.एस.एम.ई.बी. ) . बिहार मुक्त विद्यालयी शिक्षण एवं परीक्षा बोर्ड ( बी.बी.ओ.एस.ई.)
- राष्ट्रीय स्तर की संस्थाएँ : राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ( एन.सी.ई.आर.टी. ) , केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ( सी.बी.एस.ई. ) , राष्ट्रीय शैक्षिक योजना एवं प्रशासन संस्थान ( एन.आई . ई.पी.ए. ) , राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद् ( एन.सी.टी.ई. ) .
ईकाई -7
- भारतीय समाज में समावेशन और अपवर्जन के विभिन्न रूप ( हाशिए का समाज , जेण्डर , विशेष आवश्यकता वाले बच्चें- दिव्यांगजन )
- कक्षाओं में विविधता और असमानता की समझ पाठ्यचर्यात्मक और शिक्षण शास्त्रीय संदर्भ
- समावेशी शिक्षा के लिए आकलन की प्रकृति एवं प्रक्रिया
- समावेशी शिक्षा में विशेष आवश्यकता वाले बच्चों का संदर्भ ऐतिहासिक विकास , वर्तमान स्थिति , चुनौतियां , बिहार का संदर्भ
- शिक्षा व्यवस्था व विद्यालय में प्रचलित जेण्डर विभेद : पाठ्यचर्या , पाठ्य पुस्तकें , कक्षायी प्रक्रियाओं विद्यार्थी – शिक्षक ( स्टूडेंट टीचर इन्टरैक्शन ) संवाद के विशेष संदर्भ में
- जेण्डर संवेदनशीलता और समानता में शिक्षा की भूमिका .
- समता , समानता और सामाजिक न्याय के लिए शिक्षा अवधारणा आवश्यकता एवं अवरोध
- शिक्षकों की अस्मिता सममालीन विमर्श , एक आदर्श शिक्षक की संकल्पना
ईकाई -8
- राष्ट्रीय पाठ्यचर्चा की रूप रेखा 2005 व बिहार पाठ्यचर्या की रूप रेखा -2008 के विशेष संदर्भ में विज्ञान , पर्यावरण , गणित , भाषा एवं सामाजिक विज्ञान शिक्षण शास्त्र की समक्ष
- शिक्षण अधिगम में ऑडियों विडियो , मल्टीमीडिया साधनों की महत्ता तथा उपयोग
- सीखने की योजना एवं विद्यालय के अन्य कार्य के साथ आई ० सी ० टी ० का एकीकरण